Sunday, August 16, 2020

महेंद्र सिंह धोनी : एक महान क्रिकेटर के साथ एक बेहतर इंसान

जन्म: 7 जुलाई 1981 (आयु 39 वर्ष), राँची 

ऊंचाई: 1.75 मी

पिता : पान सिंह 

माता : देवकी देवी 

वज़न: 70 kg

पत्नी: साक्षी धोनी (विवाह :2010) 

 टीम: चेन्नई सुपर किंग्स (विकेट कीपर)


महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से 15 अगस्त 2020 को संन्यास ले लिया। 🙏



✌️महेंद्र सिंह धोनी का जन्म झारखण्ड के रांची में एक मध्यम वर्गीय राजपूत परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम पान सिंह व माता श्रीमती देवकी देवीहै उनके पैतृ जहां उनके पिताजी श्री पान सिंह मेकोन कंपनी के जूनियर मैनेजमेंट वर्ग में काम करने लगे। धोनी की माता श्रीमती देवकी देवी एक साधारण गृहिणी थीं। धोनी की एक बहन है जिनका नाम है जयंती और एक भाई है जिनका नाम नरेन्द्र है। धोनी का बडा भाई नरेंद्रसिंह राजनीति में कार्यरत है और उनकी बहन जयंती गुप्ता एक शिक्षिका है। पहले धोनी के बाल लम्बे हुआ करते थे जो अब उन्होंने कटवा दिए हैं कारण वे अपने पसंदीदा बॉलीवुड स्टार जॉन अब्राहम जैसे दिखना चाहते थे। धोनी एडम गिलक्रिस्ट के प्रशंसक है और बचपन से ही उनके प्रसंशक है lउनके क्रिकेट सहयोगी सचिन तेंदुलकर बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन और गायिका लता मंगेशकर है।


धोनी द ए वी जवाहर विद्यालय मंदिर, श्यामली (वर्त्तमान में जे वी एम , श्यामली, रांची के नाम से जाने जाते है) में पढ़ते थे। धोनी को बैडमिंटन और फुटबॉल इन दोनों खेलों मे विशेष रुचि थी। इंटर-स्कूल प्रतियोगिता में, धोनी ने इन दोनों खेलों में स्कूल का प्रतिनिधित्व किया था जहां उन्होंने बैडमिंटन व फुटबॉल में अपना अच्छा प्रदर्शन दिखाया जिस कारण वे जिला व क्लब लेवल में चुने गए थे। धोनी अपने फुटबॉल टीम के गोलकीपर भी रहे चुके हैं। उन्हें लोकल क्रिकेट क्लब में क्रिकेट खेलने के लिए उनके फुटबॉल कोच ने भेजा था। हालांकि उसने कभी क्रिकेट नहीं खेला था, फ़िर भी धोनी ने अपने विकेट-कीपिंग के कौशल से सबको प्रभावित किया और कमांडो क्रिकेट क्लब के (१९९५—१९९८) में नियमित विकेटकीपर बने। क्रिकेट क्लब में उनके अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें १९९७/९८ सीज़न के वीनू मांकड़ ट्राफी अंडर सिक्सटीन चैंपियनशिप में चुने गए जहां उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। दसवीं कक्षा के बाद ही धोनी ने क्रिकेट की ओर विशेष ध्यान दिया और बाद में वे एक अच्छे क्रिकेटर बनकर उभरे।


✌️ व्यक्तिगत जानकारी


उपनाम :माही,एमएसडी ,एमएस ,कैप्टन कूल 

कद : 1.7 मीटर 

बल्लेबाजी की शैली :दाएं हाथ से गेंदबाजी 

भूमिका :विकेट-कीपर ,बल्लेबाज

अंतर्राष्ट्रीय:राष्ट्रीय पक्ष, भारत

टेस्ट में पदार्पण : (कैप 251)

2 दिसम्बर 2004 बनाम श्रीलंका

अंतिम टेस्ट : 26 दिसम्बर 2014 बनाम ऑस्ट्रेलिया

वनडे पदार्पण (कैप 158) : 3 दिसम्बर 2004 बनाम बांग्लादेश

अंतिम एक दिवसीय : 17 जुलाई 2018 बनाम इंग्लैंड


टी20ई पदार्पण (कैप 2) : 1 दिसम्बर 2006 बनाम दक्षिण अफ्रीका

अंतिम टी ट्वेंटी : 22 दिसम्बर 2017 बनाम श्री लंका

घरेलू टीम की जानकारी :-


 वर्ष : 1999/00–2003/04

बिहार :2004/05–वर्तमान

झारखंड : 2008–2015

चेन्नई सुपर किंग्स (शर्ट नंबर 7)

2016–2017

राइजिंग पुणे सुपरजायंट (शर्ट नंबर 7)

2018-वर्तमान

चेन्नई सुपर किंग्स

कैरियर के आँकड़े

प्रतियोगिता टेस्ट वनडे टी२० अं टी२०

मैच 90 341 98 302

रन बनाये 4,876 10,500 1,617 6205

औसत बल्लेबाजी 38.09 50.72 37.60 38.54

शतक/अर्धशतक 6/33 10/71 0/2 0/24

उच्च स्कोर 224 183* 56 84*

गेंद किया 96 36 12

विकेट 0 1 0

औसत गेंदबाजी 31.00

एक पारी में ५ विकेट 0 0 0

मैच में १० विकेट 0 0

श्रेष्ठ गेंदबाजी 1/14

कैच/स्टम्प 256/38 314/120 159/78 364/57

स्रोत : ईएसपीएन क्रिकइन्फो, 10 मार्च 2019

धोनी ने कई सम्मान भी प्राप्त किए हैं जैसे २००८ में आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ़ द इयर अवार्ड (प्रथम भारतीय खिलाड़ी जिन्हें ये सम्मान मिला), राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार और २००९ में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री पुरस्कार साथ ही २००९ में विस्डन के सर्वप्रथम ड्रीम टेस्ट ग्यारह टीम में धोनी को कप्तान का दर्जा दिया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने २८ साल बाद एक दिवसीय क्रिकेट विश्व कप में दुबारा जीत हासिल की। सन् २०१३ में इनकी कप्तानी में भारत पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बना। धोनी दुनिया के पहले ऐसे कप्तान बन गये जिनके पास आईसीसी के सभी कप है। इन्होंने २०१४ में टेस्ट क्रिकेट को कप्तानी के साथ अलविदा कह दिया था। इनके इस फैसले से क्रिकेट जगत स्तब्ध रह गया। 14 जुलाई 2018 को, एमएस धोनी चौथे भारतीय क्रिकेटर और ओडीआई क्रिकेट में 10,000 रन बनाने के लिए दूसरे विकेटकीपर बने।




धोनी लगातार दूसरी बार क्रिकेट विश्व कप में २०१५ क्रिकेट विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया और पहली बार भारत ने सभी ग्रुप मैच जीते साथ ही इन्होंने लगातार ११ विश्व कप में मैच जीतकर नया रिकार्ड भी बनाया ये भारत के पहले ऐसे कप्तान बने जिन्होंने १०० वनडे मैच जिताए हो। और उन्होनें कहा है कि जल्द ही वो एक ऐसा कदम उठाएंगे जो किसी कप्तान ने अपने कैरियर में नहीं उठाया वो टीम को २ हिस्सों में बाटेंगे जो खिलाड़ी अच्छा नहीं खेलेगा उसे वो दूसरी टीम में डाल देंगे और जो खिलाड़ी अच्छा खेलेगा वो उसे अपनी टीम में रख लेंगे इसमें कुछ नये खिलाड़ी भी आ सकते हैं। धोनी ने ४ जनवरी २०१७ को भारतीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय टीम की कप्तानी छोड़ी।


 धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुकी है. इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर-1 बना था.


कप्तान धोनी की उपलब्धियां


1 क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011)


1 टी-20 वर्ल्ड कप (2007)


1 चैम्पियंस ट्रॉफी (2013)


3 आईपीएल खिताब (2010, 2011, 2018)


2 चैम्पियंस लीग टी-20 खिताब (2010, 2014)


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रदर्शन


10,773 वनडे रन, विकेट के पीछे 444 शिकार


4,876 टेस्ट रन, विकेट के पीछे 294 शिकार


1,617 टी-20 इंटरनेशनल रन, विकेट के पीछे 91 शिकार


वनडे इंटरनेशनल में प्रदर्शन


महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के लिए 350 वनडे मैचों में 50.57 की औसत से 10773 रन बनाए हैं, जिसमें 10 शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं. इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 183 रन रहा. वनडे में धोनी के नाम 1 विकेट है और उनका बेस्ट प्रदर्शन 14 रन देकर 1 विकेट रहा है.


टेस्ट मैचों में प्रदर्शन


महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए हैं, जिसमें 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं. इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 224 रन रहा.


टी-20 इंटरनेशनल में प्रदर्शन


महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के लिए 98 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 37.60 की औसत से 1617 रन बनाए हैं, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं. इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 56 रन रहा.


आईपीएल में प्रदर्शन


महेंद्र सिंह धोनी ने 190 आईपीएल मैचों में 42.21 की औसत से 4432 रन बनाए हैं, जिसमें 23 अर्धशतक शामिल हैं. इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 84 रन रहा.


इंटरनेशनल क्रिकेट सफर


भारत में जहां क्रिकेटरों को शीर्ष स्तर तक पहुंचने में जीवन लगा देना होता है, वहीं धोनी की प्रतिभा कुछ अलग ही थी. जूनियर क्रिकेट से बिहार क्रिकेट टीम, झारखंड क्रिकेट टीम से इंडिया ए टीम तक और वहां से भारतीय टीम तक का उनका सफर महज 5-6 साल में पूरा हो गया. उन्होंने 1998 में जूनियर क्रिकेट की शुरुआत की थी और 23 दिसंबर 2004 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच के जरिए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज कर दिया.


धोनी बांग्लादेश के खिलाफ अपनी पहली सीरीज में कुछ खास नहीं कर पाए, लेकिन अगली सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ अपने पांचवें वनडे मैच में विशाखापत्तनम में 123 गेंदों पर 148 रनों की पारी खेलकर इस खिलाड़ी ने सबकी जुबां पर एक सवाल छोड़ दिया, 'वो लंबे बालों वाला लड़का, धोनी कौन है?'


महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय टीम की कप्तानी साल 2008 में संभाली थी. जब धोनी ने टीम की कप्तानी संभाली तो उनके पास कई चुनौतियां थीं. जैसे की युवाओं को मौका देना और भविष्य के लिए टीम का निर्माण करना. धोनी ने उन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए. भारत ने धोनी की कप्तानी में पहली बार टेस्ट में नंबर एक बनने का स्वाद चखा.


धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है. इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर एक बना था. दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर दी थी. धोनी ने साल 2017 की शुरुआत में ही वनडे और टी20 कप्तानी को भी उसी अंदाज में अलविदा कहा, जिसके लिए वो जाने जाते हैं.

Saturday, August 15, 2020

कारगिल शहीदों की अमर गाथा : डॉ. हरिओम पवार

डॉ. हरिओम पंवार की कविता : कारगिल 


युद्ध के शहीदों की अमर गाथा… मै केशव का पाञ्चजन्य हूँ, 

गहन मौन मे खोया हूं, उन बेटो की याद कहानी लिखते-लिखते रोया हूं l 

जिन माथे की कंकुम बिंदी वापस लौट नहीं पाई चुटकी,

 झुमके पायल ले गई कुर्वानी की अमराई l

कुछ बहनों की राखी जल गई है बर्फीली घाटी में, 

वेदी के गठबंघन मिल गये हैं सीमा की माटी मेंl

 पर्वत पर कितने सिंदूरी सपने दफन हुए होंगे बीस बसंतों के मधुमासी जीवनहरण हुए होंगे


.टूटी चूडी, धुला महावर, रूठा कंगन हाथों का कोई मोल नहीं दे सकता बासंती जज्बातों का

 जो पहले-पहले चुम्बन के बादलाम पर चला गया नई दुल्हन की सेज छोडकर युद्ध काम पर चला गया l

उसको भी मीठी नीदों की करवट याद रही होगी खुशबू में डूबी यादों की सलवट याद रही होगी, 

उन आखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं जब मेंहदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे हैंl

 गीली मेंहदी रोई होगी छुप के घर के कोने में, 

ताजा काजल छूटा होगा चुपके चुपके रोने में l

 जब बेटे की अर्थी आई होगी सूने आंगन में.. शायद दूध उतर आया हो बूढी मां के दामन में ll

वो विधवा पूरी दुनिया का बोझा सर ले सकती है, जो अपने पती की अर्थी को भी कंधा दे सकती है मै ऐसी हर देवी के चरणो मे शीश झुकाता हूं, इसिलिये मे कविता को हथियार बना कर गाता हूं l

जो सैनिक सीमा रेखा पर ध्रुव तारा बन जाता है, उस कुर्बानी के दीपक से सूरज भी शरमाता है गरम दहानो पर तोपो के जो सीने आ जाते है, उनकी गाथा लिखने को अम्बर छोटे पड जाते है उनके लिये हिमालय कंधा देने को झुक जाता है कुछ पल को सागर की लहरो का गर्जन रुक जाता है उस सैनिक के शव का दर्शन तीरथ जैसा होता है, चित्र शहीदो का मंदिर की मूरत जैसा होता है जिन बेटो ने पर्वत काटे है अपने नाखूनो से, उनकी कोई मांग नही है दिल्ली के कानूनो से सेना मर-मर कर पाती है, दिल्ली सब खो देती है….. और शहीदों के लौहू को, स्याही से धो देती है…… मैं इस कायर राजनीति से बचपन से घबराता हूँ….. इसीलिए मैं कविता को हथियार बनाकर गाता हूँ।।


 – डॉक्टर हरिओम पंवार (कवि)


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Wednesday, August 12, 2020

राहत इंदौरी गीतकार और शायर

 राहत इन्दौरी (उर्दू: ڈاکٹر راحت اندوری) (जन्म: 1 जनवरी 1950-11 अगस्त 2020 ) एक भारतीय उर्दू शायर और हिंदी फिल्मों के गीतकार थे थे।[1] वे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रह चुके हैं। उनकी मृत्यु 11 अगस्त 2020 को हुई।[2]




वास्तविक नाम : राहत कुरैशी

जन्म : 1 जनवरी 1950 (आयु 70)
इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
मृत्यु : 11 अगस्त 2020 (उम्र 70) दिल का दौरा
इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
व्यवसाय : उर्दू शायर, गीतकार
राष्ट्रीयता : भारतीय
नागरिकता : भारतीय
शिक्षा: स्नातकोत्तर, पी. एचडी.
विधा :गज़ल, नज़्म, गीत
जीवनसाथी : सीमा
सन्तान :शिबली, फैसल, सतलज

शुरुआती दौर
राहत इंदोरी जी ने शुरुवाती दौर में इंद्रकुमार कॉलेज, इंदौर में उर्दू साहित्य का अध्यापन कार्य शुरू कर दिया। उनके छात्रों के मुताबिक वह कॉलेज के अच्छे व्याख्याता थे। फिर बीच में वो मुशायरों में व्यस्त हो गए और पूरे भारत से और विदेशों से निमंत्रण प्राप्त करना शुरू कर दिया। उनकी अनमोल क्षमता, कड़ी लगन और शब्दों की कला की एक विशिष्ट शैली थी ,जिसने बहुत जल्दी व बहुत अच्छी तरह से जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया। राहत साहेब ने बहुत जल्दी ही लोगों के दिलों में अपने लिए एक खास जगह बना लिया और तीन से चार साल के भीतर ही उनकी कविता की खुशबू ने उन्हें उर्दू साहित्य की दुनिया में एक प्रसिद्ध शायर बना दिया था। वह न सिर्फ पढ़ाई में प्रवीण थे बल्कि वो खेलकूद में भी प्रवीण थे,वे स्कूल और कॉलेज स्तर पर फुटबॉल और हॉकी टीम के कप्तान भी थे। वह केवल 19 वर्ष के थे जब उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में अपनी पहली शायरी सुनाई थी।

शिक्षा

राहत का जन्म इंदौर में 1 जनवरी 1950 में कपड़ा मिल के कर्मचारी रफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उन निशा बेगम के यहाँ हुआ। वे उन दोनों की चौथी संतान हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की[3] और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया।[4] तत्पश्चात 1985 में मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
राहत जी की दो बड़ी बहनें थीं जिनके नाम तहज़ीब और तक़रीब थे,एक बड़े भाई अकील और फिर एक छोटे भाई आदिल रहे। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी और राहत जी को शुरुआती दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने अपने ही शहर में एक साइन-चित्रकार के रूप में 10 साल से भी कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। चित्रकारी उनकी रुचि के क्षेत्रों में से एक थी और बहुत जल्द ही बहुत नाम अर्जित किया था। वह कुछ ही समय में इंदौर के व्यस्ततम साइनबोर्ड चित्रकार बन गए। क्योंकि उनकी प्रतिभा, असाधारण डिज़ाइन कौशल, शानदार रंग भावना और कल्पना की है कि और इसलिए वह प्रसिद्ध भी हैं। यह भी एक दौर था कि ग्राहकों को राहत द्वारा चित्रित बोर्डों को पाने के लिए महीनों का इंतजार करना भी स्वीकार था। यहाँ की दुकानों के लिए किया गया पेंट कई साइनबोर्ड्स पर इंदौर में आज भी देखा जा सकता है।उनका निधन 11 अगसत 2020 को दिल का दौरा(हार्ट अटैक)आने की वजह से हुआ ।



डेली करेंट अफेयर्स 2022 (Daily Current Affairs 20 JUNE 2022) : IMPORTANT QUESTIONS WITH ANSWER FOR PREPRATION OF GOVERMENTp JOB

 डेली करेंट अफेयर्स 2022 (Daily Current Affairs 20 JUNE 2022) : IMPORTANT QUESTIONS WITH ANSWER FOR PREPRATION OF GOVERMENT दोस्तों जैसा की ...