Friday, January 22, 2021

युवाओं के आदर्श " सुभाष चंद्र बोस"

 युवाओं के आदर्श " सुभाष चंद्र बोस"





सुभाष चंद्र बोस द्वारा दी गई नारा " तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा"  पूरे देश के युवाओं जोश जगाने के साथ साथ राष्ट्र को एकीकृत करने का काम किया l आज भी यह नारा हर भारतीय के जुबान पर रहता है l जैसे मानो आज भी नेता जी हमारे बीच हो l

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा भी उनका उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आजाद हिन्द फौज का गठन किया था।


नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक के एक संपन्न बंगाली परिवार में हुआ था। बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 संतानें थी, जिसमें 6 बेटियां और 8 बेटे थे। सुभाष चंद्र उनकी नौवीं संतान और पांचवें बेटे थे। नेताजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में हुई। तत्पश्चात् उनकी शिक्षा कलकत्ता के प्रेजिडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से हुई। बाद में भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी के लिए उनके माता-पिता ने बोस को इंग्लैंड के केंब्रिज विश्वविद्यालय भेज दिया। उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया।

 

1921 में भारत में बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों का समाचार पाकर बोस सिविल सर्विस छोड़ कर कांग्रेस के साथ जुड़ गए। सुभाष चंद्र बोस बहुत जल्द ही देश के एक महत्वपूर्ण युवा नेता बन गये। 1928 में जब साइमन कमीशन भारत आया तब कांग्रेस ने उसे काले झण्डे दिखाये। कोलकाता में सुभाष ने इस आन्दोलन का नेतृत्व किया। साइमन कमीशन को जवाब देने के लिये कांग्रेस ने भारत का भावी संविधान बनाने का काम आठ सदस्यीय आयोग को सौंपा। मोतीलाल नेहरू इस आयोग के अध्यक्ष और सुभाष उसके एक सदस्य थे। 1928 में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में कोलकाता में हुआ। इस अधिवेशन में सुभाष ने खाकी गणवेश धारण करके मोतीलाल नेहरू को सैन्य तरीके से सलामी दी।

सुभाष चंद्र बोस जी की विचार और उनका व्यक्तित्व  अन्य से अलग था l दुनिया जो नहीं करना चाहती थी जो दुनिया के लिए असंभव था नेता जी ऐसे ही कार्यो को करना पसंद करते थे साथ ही नामुमकिन से लगने वाले कार्य को वो सम्भव कर दिखाते थे ll

दुःख के घड़ी में भी रहे नेता जी अडिग 

तो र ऋता तू
नमस्ते tata

2 comments:

  1. जय हिंद जय हिन्दुस्तान

    ReplyDelete
  2. Neta ji jaisa vichar wale Or deshbhakt virle paida hote hai jai hind jai hind ki sena

    ReplyDelete

डेली करेंट अफेयर्स 2022 (Daily Current Affairs 20 JUNE 2022) : IMPORTANT QUESTIONS WITH ANSWER FOR PREPRATION OF GOVERMENTp JOB

 डेली करेंट अफेयर्स 2022 (Daily Current Affairs 20 JUNE 2022) : IMPORTANT QUESTIONS WITH ANSWER FOR PREPRATION OF GOVERMENT दोस्तों जैसा की ...