Tuesday, March 30, 2021
होली : क्यों मनाई जाती हैं
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होली मनाने के पीछे एक कथा है जो पौराणिक काल से चली आ रही है, इस कथा में ही होली मनाने का रहस्य छिपा हुआ है ।इस त्योहार को लेकर सबसे प्रचलित है प्रहलाद,होलिका और हिरण्यकश्यप की कहानी। पुराणों के अनुसार दानवराज हिरण्यकश्यप ने जब देखा कि उसका पुत्र प्रह्लाद सिवाय विष्णु भगवान के किसी अन्य को नहीं भजता, तो वह क्रुद्ध हो उठा और अंततः उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया की वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए, क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि नुक़सान नहीं पहुंचा सकती।
होली की एक कहानी कामदेव की भी है।माता पार्वती शिव से विवाह करना चाहती थीं लेकिन तपस्या में लीन शिव का ध्यान उनकी तरफ गया ही नहीं। ऐसे में प्यार के देवता कामदेव आगे आए और उन्होंने शिव पर पुष्प बाण चला दिया। तपस्या भंग होने से शिव को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी और उनके क्रोध की अग्नि में कामदेव भस्म हो गए।कामदेव के भस्म हो जाने पर उनकी पत्नी रति रोने लगीं और शिव से कामदेव को जीवित करने की गुहार लगाई। अगले दिन तक शिव का क्रोध शांत हो चुका था, उन्होंने कामदेव को पुनर्जीवित किया। कामदेव के भस्म होने के दिन होलिका जलाई जाती है और उनके जीवित होने की खुशी में रंगों का त्योहार मनाया जाता है।
*आपके एवं आपके पूरे परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएं।*
Wednesday, March 24, 2021
BPSC 66th result cleared : बीपीएससी 66 वीं PT exam का रिजल्ट किया घोषित
BPSC 66th result cleared : बीपीएससी 66 वीं PT exam का रिजल्ट किया घोषित :
बिहार लोक सेवा आयोग यानी BPSC ( Bihar public service commission ) ने 66वीं प्रारंभिक परीक्षा(पीटी) का परिणाम बुधवार को घोषित कर दिया है। दोस्तों परीक्षा में 280,882 अभ्यर्थी शामिल हुए थे जबकि उनमें से 8997 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। जिनमें अनारक्षित कोटि के 3497, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 902, अनुसूचित जाति कोटि के 1503, अनुसूचित जनजाति श्रेणी के 78, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 1586, पिछड़ा वर्ग के 1199 एवं पिछड़ा वर्ग महिला श्रेणी के 232 उम्मीदवार शामिल हैं। वहीं दिव्यांग श्रेणी में सफल 97 अभ्यर्थियों में दृष्टिबाधित प्रकृति के 71, मूक-बधिर प्रकृति के 75, अस्थि बाधित प्रकृति के 96 एवं मनोविकार- बहुदिव्यांग प्रकृति के 71 उम्मीदवार हैं। स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों में 135 सफल हुए हैं। कुल उम्मीद्वार 8997 सफल हुए l सफल Candidates को बहुत बहुत बधाई l
कुल 689 पदों पर होनी है नियुक्ति
66वीं संयुक्त परीक्षा में हुए सफल अभ्यर्थी को 689 अलगअलग पदों पर नियुक्ति की जाएगी। इसमें बिहार के गृह विभाग में पुलिस उपाधीक्षक, गृह विभाग के विशेष शाखा में जिला समादेष्टा, कारा एवं सुधार सेवाएं निरीक्षणालय, गृह विभाग में काराधीक्षक, वाणिज्य कर विभाग में राज्य कर सहायक आयुक्त, निर्वाचन विभाग में अवर निर्वाचन पदाधिकारी, गन्ना उद्योग विभाग में ईख पदाधिकारी, श्रम संसाधन विभाग में नियोजन पदाधिकारी-जिला नियोजन पदाधिकारी, गृह विभाग में बिहार प्रोबेशन सेवा, अपर जिला परिवहन पदाधिकारी, नगर कार्यपालक पदाधिकारी नगर विकास सह आवास विभाग, उपभोक्ता संरक्षण विभाग में आपूर्ति निरीक्षक, पंचायती राज विभाग में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में राजस्व पदाधिकारी, ग्रामीण विकास विभाग में ग्रामीण विकास पदाधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी की नियुक्ति की जाएगी l दोस्तों यह थीं अलग अलग पदों के नाम जिन पर सफल अभ्यर्थी को पदासीन किया जाएगा l
Cutt off
अनारक्षित। : 108
अनारक्षित महिला। : 100
EWS : 103
ईडब्ल्यूएस : 95
Sc : 95
Sc Female। : 84
ST। : 98
EBC। : 102
EBC FEAMLE। : 93
BC : 104
BC : 97
बीसीएल : 95
दिव्यांग वीआइ : 89
दिव्यांग डीडी : 81
दिव्यांग ओएच। : 95
दिव्यांग एमडी : 61
स्वतंत्रता सेनानी परिजन : 97
पदों के नाम और उनकी संख्या के बारे में जानते है
अवर निर्वाचन पदाधिकारी : 02
बीडीओ। : 127
कमांडेंट : 02
डीएसपी। : 34
जेलर : 03
ईख पदाधिकारी। : 05
राज्य कर सहायक आयुक्त :। 11
बीपीओ : 19
एडीटीओ : 30
ईओ, टाउन। : 15
एमओ: 157
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी : 51
सीओ : 66
बीपीआरओ : 162
जिला नियोजन पदाधिकारी : 05
BIHAR STET REE EXAM ADMIT CARD/ HOWTO DOWNLOAD HALL TICKET 2020
BIHAR STET REE EXAM ADMIT CARD/ HOWTO DOWNLOAD HALL TICKET 2020
Official notification
दोस्तों आपको यह बता दें कि
बिहार एसटीईटी 28 जनवरी, 2021 को आयोजित written exam रद्द होने के बाद फिर से आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले, बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर बिहार एसटीईटी पुन: परीक्षा प्रवेश पत्र 25 अगस्त को जारी किया जाना था, हालांकि, यह था देरी हुई। केवल वही अभ्यर्थी परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकते हैं जो 28 जनवरी, 2020 को उपस्थित थे। पेपर I और पेपर II दोनों एक ही दिन दो अलग-अलग पाली में आयोजित किए जाएंगे। उम्मीदवारों को बीएसईबी की आधिकारिक वेबसाइट से एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए अपनी लॉगिन password or user id दर्ज करनी होगी। बोर्ड किसी अन्य ऑफलाइन मोड के माध्यम से एडमिट कार्ड नहीं भेजेगा। आपको एडमिट कार्ड आज से यानी 25 मार्च 2021 से बिहार बोर्ड के ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध होगा ll
दोस्तों आपको बताते चले कि admit card आज यानी 25 मार्च से download कर सकते है और आपका एग्जाम 2 अप्रैल 2021 को होने जा रही है तो एग्जाम का अच्छे से prepration में लग जाए l
How to download STET ADMIT CARD STEP BY STEP
1:- बीएसईबी की आधिकारिक वेबसाइट- bsebstet2019.in पर जाएं
2:- लिंक पर क्लिक करें "ऑनलाइन परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड STET-2"
3:- लॉगिन के लिए एक पेज खुलेगा
4:- आवेदन संख्या, जन्म तिथि और छवि में दिखाया गया कोड दर्ज करें
5:- लॉगिन पर क्लिक करें
6:- प्रिंट एडमिट कार्ड लिंक पर क्लिक करें।
7:- बिहार एसटीईटी एडमिट कार्ड 2019 देखें, डाउनलोड करें और प्रिंट करें
यह सभी step follow कर आप अपनी एडमिट card download kar सकते है l
Strict instruction by bihar official board in official notification
दोस्तों आपको बताते चले कि admit card आज यानी 25 मार्च से download कर सकते है और आपका एग्जाम 2 अप्रैल 2021 को होने जा रही है तो एग्जाम का अच्छे से prepration में लग जाए l
Tuesday, March 16, 2021
BPSC LDC के कई पदों पर आई भर्तियां 2021
BPSC LDC के कई पदों पर आई भर्तियां 2021: BPSC ( Bihar police service commision )यानी बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने लोवर डिविजनल क्लर्क के कई पदों पर भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। बीपीएससी की इस भर्ती में 12वीं (इंटरमीडिएट) पास अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। बीपीएससी की इस भर्ती में आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैंl
आवेदन करने की तिथि हैं:
19 मार्च से आयोग की वेबसाइट onlinebpsc.bihar.gov.in पर जाकर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। उम्मीदवारों को यह याद रखें कि आवेदन की अंतिम तिथि 16-04-2021 है।
आइए जानते हैं Bpsc लो important date यानी shedule dates :
1.भर्ती नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि - 15-03-2021
2.ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की तिथि - 09-03-2021
3.ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि - 16-04-2021
आईए जानते हैं इस पद हेतु क्या cteria क्या है ?
रिक्तियां - 24 है l मात्र 24 पद हेतु यह रिक्तियां है एल
जबकि आयु सीमा हैं
आयु सीमा - 18 से 37 वर्ष।
और education qualification है l
शैक्षिक योग्यता : एलडीसी पदों के लिए 10+2/इंटरमीडिएट पास form fill up कर सकते हैं l
आवेदन शुल्क :
वेबसाइट -www.bpsc.bih.nic.in ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन -www.onlinebpsc.bihar.gov.in पर
एसटी एससी वर्ग के लिए मात्र 150 रुपए आवेदन शुल्क हैं l
ओबीसी OBC :– 600 ररुपए
GENRAL :– 600 रुपए
अगर आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत यानी online एप्लीकेशन form भरने में होती है तो बीपीएससी की HELP LINE NUMBER पर समाधान पा सकते है l
बीपीएससी हेल्पलाइन नंबर:
हेल्पलाइन नंबर 9 9297739013 ये है हां याद रहे सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ही call कर सकते है तब ही बात हो सकती हैं l
BPSC की OFFICIAL WEBSITE हैं:
Sunday, March 14, 2021
हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री अनामिका को मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार
हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री अनामिका को मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार
साथ ही साथ 20 भाषाओं के रचनाकार को किया जाएगा सम्मानित
साहित्य अकादमी ने हाल ही में 12 मार्च 2021को 20 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा की. । हिंदी की जानी-मानी कवयित्री अनामिका को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साथ ही साथअंग्रेजी भाषा में सुश्री अरुंधति सुब्रमण्यम को यह सम्मान से नवाजा जाएगा ।
आइए जानते हैं किन किन साहित्यकारों को मिलेगी साहित्य अकादमी पुरस्कार
हिंदी की जानी-मानी कवयित्री अनामिका जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया. हैं तो वही अंग्रेजी भाषा में सुश्री अरुंधति सुब्रमण्यम, श्री हरीश मीनाश्रु गुजराती भाषा के लिए, श्री आर.एस. भास्कर जी को कोंकणी भाषा हेतु, श्री ईरुंगबम देवेन (मणिपुरी के लिए, श्री रूपचंद हांसदा (संताली) एवं श्री निखिलेश्वर (तेलुगु) को भी साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
किस पुस्तक हेतु अनामिका जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला ll
प्रख्यात अनुवादक, कवयित्री, लेखिका और आलोचक अनामिका जी को उनके कविता संग्रह 'टोकरी में दिगन्त' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है. अनामिका मूल रूप से बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर की हैं. वे दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी पढ़ाती हैं. कविता संग्रह 'टोकरी में दिगन्त' 2014 में प्रकाशित हुआ था.
उपन्यास विधा में श्री नंदा खरे (मराठी), डॉ. महेशचन्द्र शर्मा गौतम (संस्कृत), श्री इमाइयम (तमिऴ) एवं श्री हुसैन-उल-हक़ को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है ll अनामिका जीको मिली यह पुरुस्कार यह हम भारतीय हिंदी भाषियों के लिए गर्व की बात है l I
अनामिका जी की संक्षिप्त परिचय
उनकी एक पुस्तक
Friday, March 12, 2021
बिहार एसटीईटी रिजल्ट 2021 जारी
बिहार एसटीईटी रिजल्ट 2021 जारी
Latest अपडेट 13.03.2021 : बिहार एसटेट 2019 का परिणाम बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। उर्दू, संस्कृत और विज्ञान विषय का परिणाम मई के पहले सप्ताह में होगा।
बिहार STET परिणाम बिहार एसटेट परीक्षा परिणाम :
बिहार विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा परीक्षा देने वाले सभी उम्मीदवार अब परिणाम का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि परिणाम यह तय करेगा कि विशेष उम्मीदवार को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा या नहीं। BSEB ने अपनी वेबसाइट पर परिणाम घोषित किया है। तो सभी उम्मीदवार बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के संपर्क में रहें। इसके अलावा, हमने नीचे दिए गए लिंक पर परिणाम अपलोड किया है। उम्मीदवार उस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं, इसलिए उन्हें किसी अन्य वेबसाइट पर जाने की आवश्यकता नहीं थी। यहां चेकिंग रिजल्ट का डायरेक्ट लिंक दिया गया है।
बिहार एसटीईटी परीक्षा परिणाम 2019– 21 डाउनलोड करें
आईए जानते हैं एसटीईटी परीक्षा के संदर्भ में :
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड बिहार एसटीईटी के लिए 09 से 21 सितंबर 2020 को ऑनलाइन लिखित परीक्षा आयोजित कर रहा था। कोविद 19 महामारी के कारण, बीएसईएसबी ने पहली बार ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की है। परीक्षा 02 घंटे 30 मिनट के समय अवधि के साथ कुल 150 अंक / प्रश्नों की संख्या भी 150 थीं l
बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड
परीक्षा का नाम : माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET)
परीक्षा की तारीख : 09 से 21 सितंबर 2020
परीक्षा का तरीका : ऑनलाइन
परिणाम घोषणा तिथि : 12.03.2021
विद्यालय परीक्षा बोर्ड ने बिहार विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा (BSTET) के बारे में घोषणा की है। कई उम्मीदवार जो शिक्षक बनना चाहते हैं, उन्होंने बिहार एसटीईटी के लिए अपना आवेदन पत्र भरा। बोर्ड ने अंतिम तिथि 25 दिसंबर 2019 तक आवेदन पत्र स्वीकार कर लिया था l
अब इंतजार हैं एसटीईटी सफल उम्मीदवारों की नियुक्ति की l
आईए जानते हैं बिहार एसटीईटी प्रमाणपत्र की वैधता :
STET 2020 उत्तीर्ण प्रमाण पत्र की वैधता प्रमाणपत्र आवंटन की तारीख से अधिकतम 07 वर्ष की होगी। अभ्यर्थी 07 साल तक शिक्षक बनने में सक्षम होंगे क्योंकि वे शिक्षक के लिए विभिन्न भर्ती आवेदन में भाग लेने हेतु योग्य हो जाते हैं l
क्या हैं बिहार एसटीईटी क्वालीफाइंग मार्क्स:
सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार :150 अंक जबकि
ओबीसी / एससी / एसटी / बीसी / पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए 135 अंक पास अंक निर्धारित है ll
कैसे करें बिहार एसटीईटी परीक्षा परिणाम डाउनलोड :
1. सबसे पहले बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं ..
2. स्क्रीन पर प्रदर्शित संबंधित पोस्ट के लिए अधिसूचना खोलें।
3. अब “डाउनलोड रिजल्ट” विकल्प खोजें।
4. अब यहां आपको डाउनलोड रिजल्ट का ऑप्शन मिलेगा।
5.अंत में आईडी और पासवर्ड के साथ लॉगिन करें।
6. डाउनलोड रिजल्ट ऑप्शन सबमिट पर क्लिक करें।
कुछ ऐसे प्रश्न जो प्रायः उम्मीदवारों द्वारा पूछे जाते हैं :
दोस्तो जानिए bihar STET की आगे की process किनको मिलेगी अध्यापक पद
Bihar STET ki आगे की process किनको मिलेगी अध्यापक पद
Tuesday, March 9, 2021
REET 2021 : राजस्थान टीईटी के सिलेबस में हुए बड़े बदलाव
REET-2021 : राजस्थान टीईटी में सिलेबस, के साथ चयन प्रक्रिया सहित हुए हैं बड़े बदलाव जो छात्रों को जानना हैं बेहद जरूरी
REET-2021 : राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 में सिलेबस, के साथ क्वालीफाइंग अंक और ग्रेजुएशन के अंकों के वेटेज में बड़े बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव अभ्यर्थियों के नतीजों और अंतिम चयन को बड़े स्तर पर प्रभावित करेंगे। अर्थात चयन प्रक्रिया भी होंगी प्रभावित l
अभ्यर्थियों को हुए बदलाव की जानकारी होना जरूरी :– राजस्थान में करीब तीन साल बाद होने जार रही शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET)-2021 के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हो गई है. परीक्षा 25 अप्रैल को राजस्थान के विभिन्न केंद्रों पर होगी. रीट-2021 कई मामले में पूर्व में हुई परीक्षाओं से अलग है. इसमें सिलेबस और चयन प्रक्रिया सहित कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जो अभ्यर्थियों के परिणामों व चयन पर असर डालेंगे. रीट परीक्षा देने जा रहे अभ्यर्थियों को इन बदलावों की जानकारी होनी जरूरी है ताकि वो अपना बेहतर से बेहतर result ला सकें l
Sayllabus में क्या हुए हैं बड़े बदलाव :–
रीट-2021 के सिलेबस में बदलाव किया गया है. नोटिफिकेशन के अनुसार इसमें राजस्थान REET के कुछ विषयों को शामिल किया गया हैl यानी भूगोल, इतिहास और संस्कृति को जोड़ा गया है. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अनुसार, यह बदलाव जरूरी था. ये बदलाव एनसीटीई के निर्देशों को ध्यान में रखकर किए गए हैं.l ताकि शिक्षकों बनने वाले सभी प्रतिभागियों को इन विषयों की सामान्य जानकारी हों l
न्यूनतम अंक में बदलाव :– बदलावों में अंकों की भी पैटर्न को बदला गया हैं l यानी सभी वर्गों की cutt off marks में अमूमन बदलाव ही किया गया हैं lरीट-21 में पास होने के लिए न्यूनतम अंकों में बदलाव किया गया है. वर्ष 2017 में नॉन टीएसपी (एसटी) अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 60% अंक पाने जरूरी थे. इसमें 05% की कमी कर दी गई है. इसी तरह एससी, ओबीसी, एमबीसी, इडब्लूएस वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए भी न्यूनतम अंकों में पांच फीसदी की कमी कर दी गई है. जबकि विधवा और ईएसएम वर्ग के लिए न्यूनतम अंक में 10% और दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 20% अंक कम कर दिए हैं.
रीट पास करने के लिए अब न्यूनतम अंक
सामान्य/अनारक्षित : (टीएसपी/नॉन टीएसपी)- 60%
एसटी वर्ग (टीएसपी)- 36%, नॉन टीएसपी - 55%
एससी, ओबीसी, एमबीसी, इडब्लूएस- 55%
विधवा व परित्यक्ता महिलाएं, एक्स सर्विसमैन- 50%
दिव्यांग अभ्यर्थी- 40%
सहरिया जनजाति के अभ्यर्थी- 36%
अंकों का वेटेज भी बदला जो साबित फायदेमंद :–
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने चयन मानदंडों में अंकों के वेटेज के वितरण में भी बदलाव किया है. इससे पहले अंक वेटेज, रीट परीक्षा में स्कोर पर आधारित था. शैक्षणिक योग्यता 70:30 अनुपात में थी. लेकिन अब अंकों के वेटेज को 90:10 के अनुपात में कर दिया गया है. स्नातक में प्रतिशत अंकों का वेटेज अब 10 अंकों का होगा. तो ये जानकारियां आपके फ़ायदा के लिए हैं ताकि आप Reet आसानी से सफल हो सके l
Monday, March 8, 2021
कविता: महिला दिवस पर
कविता : नारी एक संघर्ष हैं
क्या लिखूं जिसने मुझे जन्म दिया है,
मां हैं वो जिसने मुझे नौ महीने अधिक दिया है l
मां बनाकर खुदा को भी खुद पे नाज हुआ होगा
ममता पाने इसकी , वो भी एक मां को ढूंढता होगा l
तुझ से ही है कायम दुनिया
नारी तुम पुजनीय न कोई तुलना
मां हैं, अर्धांगिनी है, बेटी है एक फर्ज हैं
नारी कोई समझौता नही , एक संघर्ष हैं l
सोच रहा हूं क्या लिखूं, देवकी या यशोदा लिखूं,
राधा लिखूं या मीरा लिखूं
घर की लक्ष्मी लिखूं या लक्ष्मीबाई की तलवार लिखूं,
वो ममता है, हमसफर है, राखी है, अर्थ है
नारी कोई समझौता नहीं, एक संघर्ष हैं l
हर आंगन की तुलसी हैं पापा की पड़ी है
दुःख की घड़ी में हर रूप में खड़ी है
भोजन पकाने वाली देर रात तक भूखी है
फिक्र करती सबकी, वो आज क्यों दुखी है
कभी गुस्से में, कभी घृणा से
कभी उनकी मनमानी से
प्रेम मिला जो परिवारों से , छलक जाते आंसु आंखों से
रो देती सिसक सिसकर कभी जज्बातों में
सहते सहते छाले पड़ गए मेंहदी वालों हाथों में
नारी जीवन का रथ हैं अर्थ है
नारी कोई समझौता नहीं, एक संघर्ष हैं ll
दिल में उसकी एक तमन्ना अभी बाकी है
अधूरी कहानी का एक पन्ना अभी बाकी है
किस किस की बेबसी, कराह लिखूं
कई मुस्कुराते हुए चेहरे की सिसकती हुई कितने आह लिखूं?
एक भरी पड़ी उपन्यास उसके अंदर है
नारी एक औरत ही नहीं अथाह समंदर हैं
वो मित्र हैं– तीर्थ है, रब है–हज है
नारी कोई समझौता नहीं,एक संघर्ष हैंll
Sunday, March 7, 2021
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस : 8 मार्च
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस
इस सदी की सबसे भीषण जंग में अग्रिम मोर्चे से लेकर व्यवस्था तक की जिम्मेदारी महिलाओं ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई l इनका साथ थ तो हालात संभल भी गए l हम आम जन महिलाओं के सदा ऋणी रहेंगे , जिन्होंने कोरोना काल में खुद को और परिवार को भुलाकर मरीजों की सेवा में लगा दिया ll
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के अलग अलग क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। यह दिवस मनाने का एकमात्र उद्देश्य महिला को सशक्तिकरण बनाना है l यह अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल अंगोला, आर्मेनिया, चीन आज़रबाइजान, क्यूबा,बेलारूस, बुर्किना फासो, कंबोडिया, - बिसाउ, इरीट्रिया, गिन्नी कजाखस्तान,किर्गिस्तान,लाओस, मकदूनिया (केवल महिलाओं के लिए), मडागास्कर (केवल महिलाओं के लिए), माल्डोवा,मंगोलिया,रूस, ताजीकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान,यूगांडा, यूक्रेन, उज़्बेकिस्तान, वियतनाम, और ज़ाम्बिया में यह दिन एक आधिकारिक अवकाश के रूप में मनाया जाता हैं l इस दिन वहां सरकारी और गैर सरकारी संस्था बंद रहती हैं l
पूर्व में कहीं बातों का हिंदी रूपांतरण:
हम महिलाओं को मताधिकार दो। महिला दिवस, 8 मार्च 1914। अब तक, भेदभाव और प्रतिक्रियावादी नज़रिए ने उन महिलाओं को पूर्ण नागरिक अधिकार से वंचित रखा है, जिन्होंने श्रमिकों, माताओं और नागरिकों की भूमिका पूरी निष्ठा से अपने कर्त्तव्य का पालन किया है एवं जिन्हें नगर पालिका के साथ-साथ राज्य के प्रति भी करों का भुगतान करना होता है। इस प्राकृतिक मानवाधिकार के लिए हर औरत को दृढ़ एवं अटूट इरादे के साथ लड़ना चाहिए। इस लड़ाई में किसी भी प्रकार के ठहराव या विश्राम करने की अनुमति नहीं है। सभी महिलाएँ और लडकियाँ आएं, रविवार, 8 मार्च 1914 को, शाम 3 बजे, 9वीं महिला सभा में शामिल हों।
इतिहास:
अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर, यह दिवस सबसे पहले 28 फ़रवरी 1909 को मनाया गया। इसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था, क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।
1917 में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी। ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया। उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर। इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है। जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखिरी इतवार 23 फ़रवरी को था जब की ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी। इस समय पूरी दुनिया में (यहां तक रूस में भी) ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है। इसी लिये 8 मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
प्रसिद्ध जर्मन एक्टिविस्ट क्लारा ज़ेटकिन के जोरदार प्रयासों के बदौलत इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने साल 1910 में महिला दिवस के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप और इस दिन पब्लिक हॉलीडे को सहमति दी। इस फलस्वरूप 19 मार्च, 1911 को पहला IWD ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और जर्मनी में आयोजित किया गया। हालांकि महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में फाइनली बदलकर 8 मार्च कर दिया गया। तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है।
कोविड और समानता हैं इस बार का थीम
महिला दिवस के थीम महिला नेतृत्व : कोवीड– 19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना रखी गई है l ऐसा कोरोना काल में सेवाएं देने वाली महिलाओं और लड़कियों के योगदान को रेखांकित करने के लिए किया गया हैं l बीते साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम #EachForEqual थी l
Wednesday, March 3, 2021
फणीश्वर नाथ रेणु जन्म शताब्दी 4 मार्च
फणीश्वर नाथ रेणु जन्म शताब्दी 4 मार्च
मेरे अजीज दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे ख्याति प्राप्त महान साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु जी के बारे में आज जब में इस आर्टिकल को लिखने जा रहा हूं इसकी वजह एक ही है कि हमलोग अपने पूर्वजों के बारे में पढ़ें उनको जानने और उनसे सीखने का प्रयास करें l आज दिनांक 04 मार्च 2021 को उनका जन्म शताब्दी पूरे देश के साथ साथ विदेशों में भी धूम धाम से मनाई जा रही हैं l सच कहते हैं लोग किसी के जाने के पश्चात उनकी महता और योगदान को ध्यानाकृष्ट किया जाता है l ऐसे लाखों उदाहरण पड़े हैं जहां महान साहियकारों को उनके रहते उनकी उपेक्षा की गईं और जाने के बाद उनको सर आंखों पर बीठा लिया गया l प्रेमचंद्र बाबा नागार्जुन इन्होंने कलजयी रचना की लेकिन आज की तरह तब उन्हें वो लोकप्रियता नहीं मिली जो आज मिल रही हैं l ऐसा तब होता तो इनको आपार खुशी की अनुभूति होती हैं क्योंकि साहित्यकार इसी के लिए तो लिखता है l
फणीश्वर नाथ 'रेणु' एक हिन्दी भाषा के कालजयी साहित्यकार हैं। इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लेकिन कहां जाता है कि उन्होंने सरकार के विरोध में यह पुरस्कार को वापस कर दिए l
जन्म की तारीख और समय: 4 मार्च 1921, अररिया
मृत्यु की जगह और तारीख: 11 अप्रैल 1977, भारत
पूरा नाम: फणीश्वरनाथ रेणु
फ़िल्में: ततीसरी कसम, पंच लाइट
इनाम: पद्म श्री
भारत के हिंदी साहित्य के रूप में अपनी पहचान बना चुके फणीश्वर नाथ रेणु जी का जन्म शिलानाथ मंडल एवम उनकी माता पाणो देवी के घर हुआ था l
रेणु जी की जीवन परिचय :
फणीश्वर नाथ ' रेणु ' का जन्म 4 मार्च 1921 को बिहार के अररिया जिले में फॉरबिसगंज के पास औराही हिंगना गाँव में हुआ था। उस समय यह पूर्णिया जिले में था। लेकिन वर्तमान समय में यह अररिया जिले में हैं l उनकी शिक्षा भारत और नेपाल में हुई। प्रारंभिक शिक्षा फारबिसगंज तथा अररिया में पूरी करने के बाद रेणु ने मैट्रिक नेपाल के विराटनगर के विराटनगर आदर्श विद्यालय से कोईराला परिवार में रहकर की। इन्होने इन्टरमीडिएट काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से 1942 में की जिसके बाद वे स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। बाद में 1950 में उन्होने नेपाली क्रांतिकारी आन्दोलन में भी हिस्सा लिया जिसके परिणामस्वरुप नेपाल में जनतंत्र की स्थापना हुई। पटना विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ छात्र संघर्ष समिति में सक्रिय रूप से भाग लिया और जयप्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रांति में अहम भूमिका निभाई। १९५२-५३ के समय वे भीषण रूप से रोगग्रस्त रहे थे जिसके बाद लेखन की ओर उनका झुकाव हुआ। उनके इस काल की झलक उनकी कहानी तबे एकला चलो रे में मिलती है। उन्होने हिन्दी में आंचलिक कथा की नींव रखी। सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय, एक समकालीन कवि, उनके परम मित्र थे। इनकी कई रचनाओं में कटिहार के रेलवे स्टेशन का उल्लेख मिलता है। इनकी रचनाओं को पढ़कर यह अनुभूति होती है कि इनके रचनाओं में भारत की आत्मा कहे जाने वाली गांवों का निवास हैं l
लेखन शैली :
इनकी लेखन-शैली वर्णणात्मक थी जिसमें पात्र के प्रत्येक मनोवैज्ञानिक सोच का विवरण लुभावने तरीके से किया होता था। पात्रों का चरित्र-निर्माण काफी तेजी से होता था क्योंकि पात्र एक सामान्य-सरल मानव मन (प्रायः) के अतिरिक्त और कुछ नहीं होता था। इनकी लगभग हर कहानी में पात्रों की सोच घटनाओं से प्रधान होती थी। एक आदिम रात्रि की महक इसका एक सुंदर उदाहरण है।
रेणु की कहानियों और उपन्यासों में उन्होंने आंचलिक जीवन के हर धुन, हर गंध, हर लय, हर ताल, हर सुर, हर सुंदरता और हर कुरूपता को शब्दों में बांधने की सफल कोशिश की है। उनकी भाषा-शैली में एक जादुई सा असर है जो पाठकों को अपने साथ बांध कर रखता है। रेणु एक अद्भुत किस्सागो थे और उनकी रचनाएँ पढते हुए लगता है मानों कोई कहानी सुना रहा हो। ग्राम्य जीवन के लोकगीतों का उन्होंने अपने कथा साहित्य में बड़ा ही सर्जनात्मक प्रयोग किया है।
इनका लेखन प्रेमचंद की सामाजिक यथार्थवादी परंपरा को आगे बढाता है और इन्हें आजादी के बाद का प्रेमचंद की संज्ञा भी दी जाती है। अपनी कृतियों में उन्होंने आंचलिक पदों का बहुत प्रयोग किया है। यहीं कारण है कि उपन्यास " मैला आंचल" विश्व विख्यात हुई ll
उपन्यास
उपन्यास के संदर्भ में कहा कहा जाता है कि और यह वास्तविकता भी हैं कि रेणु जी अपने मात्र एक ही उपन्यास मैलाआंचल से इतनी प्रसिद्धि प्राप्त की, कि उनकी यह रचना कलजयी रचना के पात में आकर खड़ी हो गई l
रेणु को जितनी ख्याति हिंदी साहित्य में अपने उपन्यास मैला आँचल से मिली, उसकी मिसाल मिलना दुर्लभ है। इस उपन्यास के प्रकाशन ने उन्हें रातो-रात हिंदी के एक बड़े कथाकार के रूप में प्रसिद्ध कर दिया। कुछ आलोचकों ने इसे गोदान के बाद इसे हिंदी का दूसरा सर्वश्रेष्ठ उपन्यास घोषित करने में भी देर नहीं की। हालाँकि विवाद भी कम नहीं खड़े किये उनकी प्रसिद्धि से जलनेवालों ने. इसे सतीनाथ भादुरी के बंगला उपन्यास 'धोधाई चरित मानस' की नक़ल बताने की कोशिश की गयी। पर समय के साथ इस तरह के झूठे आरोप ठण्डे पड़ते गए।
रेणु के उपन्यास लेखन में मैला आँचल और परती परिकथा तक लेखन का ग्राफ ऊपर की और जाता है पर इसके बाद के उपन्यासों में वो बात नहीं दिखी।
मैला आंचल
परती परिकथा
जूलूस
दीर्घतपा
कितने चौराहे
पलटू बाबू रोड
कथा-संग्रह संपादित करें
एक आदिम रात्रि की महक
ठुमरी
अग्निखोर
अच्छे आदमी
रिपोर्ताज संपादित करें
ऋणजल-धनजल
नेपाली क्रांतिकथा
वनतुलसी की गंध
श्रुत अश्रुत पूर्वे
प्रसिद्ध कहानियाँ संपादित करें
मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम)
एक आदिम रात्रि की महक
लाल पान की बेगम
पंचलाइट
तबे एकला चलो रे
ठेस
संवदिया
तीसरी कसम पर इसी नाम से राजकपूर और वहीदा रहमान की मुख्य भूमिका में प्रसिद्ध फिल्म बनी जिसे बासु भट्टाचार्य ने निर्देशित किया और सुप्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र इसके निर्माता थे। यह फिल्म हिंदी सिनेमा में मील का पत्थर मानी जाती है। हीरामन और हीराबाई की इस प्रेम कथा ने प्रेम का एक अद्भुत महाकाव्यात्मक पर दुखांत कसक से भरा आख्यान सा रचा जो आज भी पाठकों और दर्शकों को लुभाता है।
आज भी युवाओं के साथ साथ हर वर्ग के लोग रेणु जी कृति को पढ़ने को लालायित रहते हैं l
अपने प्रथम उपन्यास 'मैला आंचल' के लिये उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
अंत में उनकी और उनके पिता के बीच जो एक देश भक्त की भावना थी इसका जिक्र करना लाजमी बन जाता है lफणीश्वर नाथ रेणु जी के पिता शिलानाथ मंडल एक समृद्ध परिवार से तालुकात रखते थे और रेणु जी के पिता शिलानाथ मंडल जी खेती करके अपने और अपने परिवार का पालन पोषण करते थे l कहने का अर्थ यह है कि रेणु जी का परिवार देशभक्त परिवार था l अपने परिवार से ही रेणु जी को देश हित में कार्य करने के विचार और सिद्धांत प्राप्त हुए थे l
रेणु जी के पिता शिलानाथ मंडल जी उनको अक्सर यह कहा करते थे कि यदि देश को आजादी दिलाने के लिए जान भी चले जाए तो इसका दुःख मत करना और तुम भी देश के नागरिकों को देश की आजादी के लिए सचेत और आगाह करना l रेणु जी के पिता एक भारतीय किसान होने के साथ साथ भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भी रहे हैं l और रेणु जी को ऐसे ही प्रेरणा अपने पिता से मिलती रहती थीं l
मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मेरा भी जन्म रेणु जी की पावन धरती पर हुआ l वो मैला आंचल की धरती जहां मुंबई बॉलीवुड अभिनेता अभिनेत्री को चलकर यहां आना पड़ा l जय हिंद जय भारत जय रेणु जी
शिक्षक दक्षता डिग्री अब होगा जीवन भर मान्य (ctet valid for Life time)
केंद्र की तर्ज पर बिहार सरकार भी लागू की यह व्यवस्था :
शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी CTET ( Central Teacher eligibility test) अब पास करने पर जीवन भर उसकी मान्यता रहेगी l कहने का मतलब यह है कि जहां पूर्व में ctet पास करने पर मात्र 7 साल की मान्यता रहती थीं अब उसकी मान्यता जीवन भर कर दी गई हैं l और राज्य सरकार भी शिक्षक पात्रता परीक्षा को ही पैमाना मानकर अपने अपने राज्य में इसे लागू करने जा रही हैं l यानी पहले राज्य भी अपनी अपनी टीईटी (Tet) परीक्षा आयोजित करवाती थी l tet की परीक्षा जैसे bihar tet ,up tet या REET की तय सीमा नहीं रहती हैं कि ये कब परीक्षा आयोजित करवाएगी l वहीं CTET हर वर्ष दो बार आयोजित होती हैं l
शिक्षक बनने के इच्छुक नौजवानों के लिए खुशखबरी है।
अब केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) सात साल के लिए नहीं, बल्कि आजीवन मान्य होगी। अभ्यर्थियों को बस एक बार सीटीईटी की परीक्षा पास करनी होगी। हाल ही में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने सीटीईटी की वैधता को बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। तो निफिक्र होकर मात्र एक बार CTET पास कर लें और को अभ्यर्थी हाल ही में CTET qualified किए हैं उनको बहुत बहुत बधाई l आपका भविष्य उज्जवल है l निरंतर मेहनत करते रहिए l
दोस्तों एनसीटीई के चैयरमैन विनीत जोशी का कहना है कि टीईटी को अब जीवन भर के लिए मान्य अर्थात valid कर दिया गया है। यह निर्णय हाल ही में काउंसिल की बैठक में लिया गया। यह व्यवस्था अब से सीटीईटी की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों पर लागू होगी। जिन अभ्यर्थियों ने पहले ही यह परीक्षा पास कर ली है, उनके लिए नई व्यवस्था क्या होगी इस बारे में कानूनी सलाह के बाद फैसला लिया जाएगा कि वह इस नई व्यवस्था में शामिल हैं या नहीं l सूत्रो की माने तो इस दिसम्बर में सफल हुए उम्मीदवारों को आजीवन CTET मान्यता अवश्य मिलेगी l
अब तक केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET)की वैधता सात साल के लिए होती थी। अगर एक दफा सीटीईटी की परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थी सात साल तक शिक्षक नियुक्त नहीं होता था, तो उसे फिर से यह परीक्षा पास करनी पड़ती थी। लेकिन, अब नेट की तरह ही सीटीईटी की व्यवस्था भी लागू होगी। जो एक खुशखबरी हैं l बस आप तमाम अभ्यर्थी सकारात्मकता के साथ अनवरत मेहनत करते रहे l
CTET परीक्षा में सफल होने के बाद किस किस वर्ग को आप पढ़ाने के लिए योग्य हो जाते हैं?
सीटीईटी की परीक्षा का आयोजन सीबीएसई कराती है। यह परीक्षा साल में दो बार होती है। पहले पेपर में सफल होने वाले उम्मीदवारों को सरकारी स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने की योग्यता मिलती है। जबकि, दूसरे पेपर में सफल अभ्यर्थी कक्षा 6 से 8वीं तक के विद्यालयों में पढ़ा सकते हैं।
दोस्तों आप अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें या आप हमें प्रतिक्रिया में अपनी कोई सवाल भी पूछ सकते हैं l
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Tuesday, March 2, 2021
यूपी जूनियर शिक्षक भर्ती 2021: 1894 एड जूनियर जूनियर हाईस्कूल टीचर भर्ती
यूपी शिक्षक भर्ती 2021 की अधिसूचना जारी, कल से शुरू होने वाले 1894 सहायक शिक्षक, प्राचार्य और अन्य पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन @ uphed.gov.in, चयन Via UP SUPER TET 2021 :
यूपी जूनियर शिक्षक भर्ती 2021:
1894 एड जूनियर जूनियर हाईस्कूल टीचर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है | यूपी जूनियर हाई स्कूल शिक्षक रिक्ति 2021 अंतिम तिथि 08 मार्च 2021 से पहले ऑनलाइन आवेदन करें। हाल ही में, उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग (UPHESC) ने 10 फरवरी 2021 को यूपी जूनियर शिक्षक रिक्ति 2021 का विज्ञापन जारी किया है । इस भर्ती प्रक्रिया के तहत सहायक अध्यापक सहायक अध्यापक और हेडमास्टर के पदों को अनुसूची के अनुसार भरा जाना है। 1894 जूनियर एडेड हाई स्कूल शिक्षक नौकरियों के बारे में विस्तृत विज्ञापन 18 फरवरी, 2021 को समाप्त हो जाएगा। जो उम्मीदवार पात्र हैं और इन पदों के लिए पंजीकरण करना चाहते हैं वे केवल ऑनलाइन मोड के माध्यम से 22 फरवरी से 08 मार्च 2021 तक आवेदन कर सकते हैं। यदि आपको कोई परेशानी हो तो हमे सूचित करें अपनी प्रतिक्रिया हमे cooment box में जरूर बताएं ll
यूपी जूनियर शिक्षक भर्ती 2021: अवलोकन एड जूनियर हाईस्कूल टीचर : ध्यान से पढ़े
संस्था का नाम : उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग l
पदों का नाम : सहायक शिक्षक और हेड मास्टर
कुल पद : 1894 पोस्ट
आवेदन का तरीका : ऑनलाइन
चयन प्रक्रिया : लिखित और साक्षात्कार
नौकरी करने का स्थान : पूरे उत्तर प्रदेश में
आधिकारिक वेबसाइट : http://site.uphesc.org/en
महत्वपूर्ण तिथियां: यूपी जूनियर शिक्षक भर्ती 2021 :
महत्वपूर्ण तिथियाँ:
ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अनुमति: 22 फरवरी 2021
स्थगित : 25 फरवरी 2021
ऑनलाइन आवेदन के पंजीकरण की अंतिम तिथि: 03 मार्च 2021 से 08 मार्च 2021 तक स्थगित
ऑनलाइन आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि: 09 मार्च 2021 17 मार्च 2021 तक स्थगित
आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि और आवेदन की हार्ड कॉपी लें: 10 मार्च 2021 से 19 मार्च 2021
एडमिट कार्ड रिलीज की तारीख: 05 अप्रैल 2021 ,9 अप्रैल 2021 तक स्थगित
लिखित परीक्षा तिथि: 11 अप्रैल 2021 ,21 अप्रैल 2021 को स्थगित
उत्तर कुंजी रिलीज की तारीख: 16 अप्रैल 2021 (अनंतिम); 07 मई 2021 (अंतिम)
परिणाम दिनांक: 11 मई 2021
यूपी जूनियर शिक्षक भर्ती 2021 पात्रता मानदंड एवम शैक्षिक योग्यता:
सहायक शिक्षक :- उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से B.Ed / BTC / D.El.Ed या 4 वर्षीय B.El.Ed या कोई भी प्रासंगिक पाठ्यक्रम किया हो; उम्मीदवार ने CTET / UTET परीक्षा भी उत्तीर्ण की होगी।
हेड मास्टर - 5 साल के अनुभव के साथ ग्रेजुएट या समकक्ष।
यूपी जूनियर शिक्षक भर्ती 2021 आयु सीमा - उम्मीदवार की आयु सीमा 21 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
महत्वपूर्ण बातें :
यूपी जूनियर शिक्षक भर्ती 2021 चयन मानदंड
उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा।
यूपी जूनियर शिक्षक भारती 2021 रिक्ति विवरण :
डेली करेंट अफेयर्स 2022 (Daily Current Affairs 20 JUNE 2022) : IMPORTANT QUESTIONS WITH ANSWER FOR PREPRATION OF GOVERMENTp JOB
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भारत के उप प्रधान मंत्री कार्यकाल :15 अगस्त 1947 – 15 दिसम्बर 1950 प्रधानमंत्री : जवाहरलाल नेहरु गृह मंत्रालय पद बहाल...














